Naye Pallav

Publisher

असग़र वजाहत के उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में चित्रित सामन्तवाद एवं वामपंथी राजनीति

शाज़िया बशीर

नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर अन्य व्यक्तियों को प्रभावित करने का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (Politics) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है। राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं, जैसे – लोगों में अपने निजी राजनैतिक विचारों को बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरूद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है – गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर। इसी प्रकार की राजनैतिक समस्याओं में असग़र वजाहत ने अपने उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में सामन्तवाद एवं वामपंथी राजनीति को उजागर करने का सफल प्रयास किया है, जो कि इस प्रकार हैं।

सामन्तवाद :
वह शासन प्रणाली जिसके अन्तर्गत सामंतों या जमींदारों आदि को कृषि भूमि एंव किसानों से संबंधित बहुत अधिक अधिकार प्राप्त होते थे और इसके बदले में वे राज्य को आर्थिक एवं सैन्य सहायता देते थे feudalism अथवा सामन्तवाद है।
छठी शताब्दी ई.पू. के लगभग उŸार भारत में सामन्ती व्यवस्था का प्रसार दिखाई देता है। दसवीं शताब्दी के बाद भारतीय समाज में विशिष्ट वर्गों के लोगों की शक्ति बढ़ी, जिन्हें सामन्त, रानक अथवा रोत्त (राजपूत) आदि पुकारा जाता था। इन वर्गों की उत्पत्ति विभिन्न तरीकों से हुई थी। इनमें से कुछ ऐसे सरकारी अधिकारी थे, जिनको वेतन मुद्रा की जगह ग्रामों में दिया था, जिससे ये कर प्राप्त करते थे। कुछ और ऐसे पराजित राजा थे, जिनके समर्थक सीमित क्षेत्रों के कर के अभी भी अधिकारी बन बैठे थे। कुछ और वंशागत स्थानीय सरदार या बहादुर सैनिक थे, जिन्होंने अपने कुछ हथियारबंद समर्थकों की सहायता से अधिकार क्षेत्र स्थापित कर लिया था। इन लोगों की हैसियत भी अलग-अलग थी। इनमें से कुछ केवल ग्रामों के प्रमुख थे और कुछ का अधिकार कुछ ग्रामों पर था और कुछ ऐसे भी थे, जो एक सारे क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफल हो सके थे।
“एंगेल्स के अनुसार, उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत अधिकार, छोटे पैमाने की पैदावार का आम चलन, खेती में चाहे स्वाधीन किसान हो चाहे अर्धदास हो, उत्पादन के साधनों पर उसका भी व्यक्तिगत अधिकार, सामन्ती व्यवस्था की विशेषताएँ हैं।”1 ये विशेषताएँ भारत की सामन्ती व्यवस्था में भी मिलती हैं।
आलोच्य उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में भी सामन्तवाद का चित्रण किया गया है –
“कुछ ऐसे कमजोर और दब्बू किस्म के जमींदार हुआ करते थे, जो अपने इलाके से लगान वसूली नहीं कर पाते थे। करामत अली उन जमींदारों से आधे-आधे पर ठेका लेते थे। जमींदार समझता था, चलो आधा मिले, कुछ तो मिले … सैंकड़ों अमले के साथ कलक्टर आते थे। इलाके के बड़े-बड़े लोग डोलियॉं लेकर उन्हें सलाम करने आते थे। बाग के दूसरे कोने में करामत अली के लोग लगान वसूली का काम शुरू कर देते थे।”2
आलोच्य उपन्यास में सामन्तवाद का चित्रण एक अन्य स्थान पर भी किया गया है। कथानायक साजिद का पिता गाँव छोड़कर रायबरेली शहर रहने जाता है और गाँव की जमीन बटाई पर देता है और साल के अन्त में अपना हिस्सा ले जाता है – “मेरे केसरियापुर आने की खबर मिलते ही सबसे पहले वह कुंजड़ा आया, जिसने आम का बाग लिया था। उसने कहा कि वह कल सुबह तक चार मन आम तुड़वाकर बोरों में भरवा देगा और बैलगाड़ी से खुरजी बस अड्डा छोड़ देगा। कुंजड़े के जाने के बाद बटाईदार आने लगे। बटाईदार अपनी-अपनी जाति के अनुसार अपने बैठने की जगह खुद तय करते चले जा रहे थे … चमार और पासी मुझे मालिक कहकर सम्बोधित कर रहे थे। मैं शर्म के मारे गड़ा जा रहा था। सोच रहा था, यार कितना सामन्ती वातावरण है।”3
वामपंथी राजनीति :
वामपंथी राजनीति को बाएँ की राजनीति अथवा र्बाईंतरफा राजनीति भी कहा जाता है। वामपंथी राजनीति उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं, जो समाज को बदलकर उसमें अधिक बराबरी लाना चाहते हैं। इस विचारधारा में समाज के उन लोगों के लिए सहानुभूति जतलाई जाती है, जो किसी भी कारण से अन्य लोगों की तुलना में पिछड़ गए हों या शक्तिहीन हों। राजनीति के सन्दर्भ में ‘बाएँ’ और ‘दाएँ’ फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान शुरू हुआ।
भारत में वामपंथी राजनीति की उत्पत्ति रूस में चल रहे माक्र्सवादी दर्शन से प्रेरित है और आजादी के पश्चात इस धारा ने तीव्रता से सी.पी.आई और एम. के रूप में अपनी जड़ें जमा लीं।
माक्र्सवादी विचारधारा से प्रभावित भारतीय सी.पी.आई की भी यही ख्वाहिश रही कि शोषितों और शोषक के बीच वर्ग भेद समाप्त हो, सर्वहारा की जीत हो, समाज में सबको समान अधिकार मिले। छात्रों का सी.पी.आई. और एम. के प्रति झुकाव को आलोच्य उपन्यास में दिखाया गया है।
आलोच्य उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में वामपंथी राजनीति को विस्तार से चित्रित किया गया है। छात्र वर्ग का वामपंथी राजनीति के प्रति प्रेरणा दिखाई गई है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि पर केन्द्रित इस उपन्यास में कैम्पस की राजनीति है, जिसमें सी.पी.आई. और एम. एक प्रमुख राजनैतिक गुट है। कथानायक साजिद विश्वविद्यालय की सी.पी.आई. गुट के महत्त्वपूर्ण कार्यकत्र्ताओं जैसे रजी और के.पी. के सम्पर्क में आकर इस विचारधारा को जान लेता है और इससे बहुत प्रभावित होता है। साजिद सी.पी.आई. और एम. के सभी मतों से सहमत होता है –
“मैं यह मानता हूँ कि गरीबों और अमीरों के बीच जो खाई है, उसे कम होना चाहिए। यह भी मानने लगा था कि दुनिया की भलाई माक्र्सवाद को अपनाने में है।”4
उपन्यास का कामरेड लाल सिंह, रजी, के.पी. प्रो. माबूद, प्रो. इरफान, प्रो. आबाद आदि सभी इसी विश्वास के साथ जी रहे हैं कि एक दिन भारत में माक्र्सवादी क्रान्ति आएगी और शोषण, वर्गभेद, आर्थिक समस्या आदि सभी प्रकार की समस्याएँ दूर हो जायेंगी।
आलोच्य उपन्यास में कामरेड लालसिंह उन व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो 25 साल की उम्र में आठ बार जेल जाने के बाद भी हार नहीं मानता और उसे पूरा विश्वास है कि भारत में माक्र्सवादी क्रान्ति अवश्य आयेगी – “बातचीत कम्युनिस्ट पार्टियों, आन्दोलनों पर हो रही थी। लेकिन उसी के साथ कामरेड लाल सिंह में यह जबर्दस्त विश्वास था कि भविष्य अच्छा होगा। क्रान्ति होगी। शोषण समाप्त होगा। सर्वहारा की सत्ता स्थापित होगी, पर इसके लिए कुर्बानियाँ कम नहीं देनी होंगी।”5
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि उपन्यास में लेखक ने इस प्रकार की राजनैतिक समस्याओं पर गम्भीरता से चिन्तन मनन किया है।

स्त्रोत ग्रन्थ :

  1. कैसी आगी लगाई, असग़र वजाहत, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, वर्ष 2004
  2. भारतीय राजनीति सिद्धान्त और व्यवहार, मानचंद खंडेला, पेइन्टर पब्लिशर्स, जयपुर, वर्ष 2001
  3. गांधी और भावी विश्व-व्यवस्था, रामजी सिंह, कॉमनवेल्थ पब्लिशर्स, नई दिल्ली, वर्ष 2000
  4. मानव सभ्यता का विकास, रामविलास शर्मा, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, वर्ष 1956
  5. मुस्लमान क्या सोचते हैं, अशोक भारद्वाज, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, वर्ष 1995
  6. हिन्दी उपन्यास साहित्य में राजनैतिक एवं राष्ट्रीय चेतना, डॉ. ईश्वर जौहर, शारदा प्रकाशन, नई दिल्ली, वर्ष 2012

2 thoughts on “असग़र वजाहत के उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में चित्रित सामन्तवाद एवं वामपंथी राजनीति

  1. Excellent post. Keep posting such kind of information on your site.
    Im really impressed by it.
    Hey there, You have done a fantastic job. I will
    certainly digg it and for my part recommend to my friends.
    I am confident they’ll be benefited from this site.

Leave a Reply to admin Cancel reply

Your email address will not be published.


Get
Your
Book
Published
C
O
N
T
A
C
T