लॉकडाउन में न बाहर जाना
FIRST : लॉकडाउन कविता प्रतियोगिता 2021

कौन देता दीनों को निवाला
बंद हुआ ऑफिस में ताला
बीवी से पड़ गया है पाला
मुश्किल है इनसे बच पाना
लॉकडाउन में न बाहर जाना।
बह रही हैं स्वच्छ हवाएं
शांत हुईं चहुंओर फिजाएं
नदियां मधुर-मधुर सुर गाएं
जीवन क्या है ? हमें सिखाएं
प्रकृति को सबने पहचाना
लॉकडाउन में न बाहर जाना।
शहरें सब वीरान पड़ी हैं
दुकानें भी बंद पड़ी हैं
महामारी निर्लज्ज अड़ी है
संकट की ये कैसी घड़ी है
घर में रहकर समय बिताना
लॉकडाउन में न बाहर जाना।
असली चेहरे पड़े दिखाई
दाढ़ी-बाल न काटे नाई
पड़े-पड़े काया अलसाई
भय लागे देखत परछाई
फिर भी सबको है समझाना
लॉटडाउन में न बाहर जाना।
दारु की दुकान बंद है
मेकअप का सामान बंद है
सेल्फी का अब काम बंद है
इश्क का भी जाम बंद है
मोबाइल के सब हुए दीवाना
लॉकडाउन में न बाहर जाना।
बिना काज जो बाहर जाये
पुलिस उनको ढंग से समझाये
भिन्न-भिन्न करामात दिखाये
फिर भी मूढ़ समझ न पाये
हे ईश्वर ! अब तुम्हीं बचाना
लॉकडाउन में न बाहर जाना
घर में रह दिन रात बिताना।
पता : ग्राम-पूरे चैधरी, पोस्ट-सिकंदरपुर, रायबरेली-229126 यूपी