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बैठ जाओ जनाब

THIRD : लॉकडाउन कविता प्रतियोगिता 2021

कीर्ती चैधरी

कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

घर में रहकर हमें देना है
करोना को मात
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

मन में अपने संयम रख
दीवारों की छांव में तुम बैठ जाओ
दो बातें सुकून की कर लो
चारों ओर कोलाहल है
भय का मंजर छाया है
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

स्वयं को समझने का यह समय आया है
संसार को परखने का समय आया है।
इस वन के नन्हें फूलों को
आज बचाने की मांग है
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

अपने वन के सुमन का जरा करो ख्याल
ना होंगे तो कैसा होगा, अपना विश्व महान
अपने इन पंखों को पिंजरे में
कैद करने की मांग है
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

ज्ञात है हमें ऐसा विराट
शिखर हमारे मार्ग में है
हर क्षण इन काले बादलों का प्रसार है।
इन प्रतिरोधों से आज लड़ने की मांग है।
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

दीवारें आज मूक बनकर यह कहती हैं –
वे दृढ़ रहकर हर व्यवधान से लड़ती हैं
होते इन निरंतर आघातों को
आज सहने की मांग है
कुछ देर बैठ जाओ जनाब !
समय की आज मांग है।

पता : जमानियां, गाजीपुर-232329, उत्तर प्रदेश

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