Naye Pallav

Publisher

11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 11 असाधारण बच्चों को भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ प्रदान किए। इस अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, महिला और बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई, विभिन्न संस्थानों के गणमान्य व्यक्ति, वरिष्ठ अधिकारी और युवा बच्चे उपस्थित थे।
इस वर्ष यह पुरस्कार 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 11 बच्चों को प्रदान किया गया है, जो अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए राष्ट्र की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में वीरता व समाज सेवा की श्रेणी में एक, नवाचार की श्रेणी में दो, खेल में तीन और कला व संस्कृति में चार बच्चे शामिल हैं। इन 11 पुरस्कार विजेताओं में से 5 लड़कियां और 6 लड़के हैं।
इस समारोह के दौरान श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने बाल वीर पर एक पुस्तक ‘यंग हीरोज ऑफ इंडिया (भारत के युवा नायक)’ का विमोचन किया। उन्होंने भारत की राष्ट्रपति को इसकी पहली कॉपी भेंट की।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि बच्चों को एक सुरक्षित और खुशहाल वातावरण देने की सोच के अनुरूप महिला और बाल विकास मंत्रालय विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बच्चों को सम्मानित करने को लेकर हर साल प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि यह पुरस्कार समारोह हमारे सबसे बहुमूल्य अवसरों में से एक है, क्योंकि यह बच्चों को एक ऐसा वातावरण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है, जहां वे अच्छे मूल्यों व सिद्धांतों को अपना सकें और हमारे देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
भारत की राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दीं। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 प्रदान करके हम राष्ट्र- निर्माण में उनके योगदान को प्रोत्साहित और सम्मानित कर रहे हैं। आज के पुरस्कार समारोह की श्रेणियां उन क्षेत्रों को कवर करती हैं, जो मुख्य रूप से चरित्र-निर्माण और समाज व संस्कृति के समग्र विकास से संबंधित हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आज स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ी दो महान विभूतियों के जन्मदिन पर सभी देशवासी उन्हें स्मरण कर सादर नमन करते हैं। 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष में वीर सुरेंद्र साई ने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहे। सभी भारतीयों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर गर्व है, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर यूरोप से लेकर जापान तक ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई जारी रखी। उन्होंने भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले ही भारतीय स्वतंत्रता की भावना व्यक्त की और मणिपुर व अंडमान में तिरंगा फहराया।
भारत की राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के जीवन मूल्यों में परोपकार को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। केवल अपने लिए जीने वालों का जीवन अधूरा होता है। जीवन उन्हीं के लिए सार्थक है, जो दूसरों के लिए जीते हैं। संपूर्ण मानवता के लिए प्रेम की भावना और पशु-पक्षियों व पौधों की देखभाल करने की सांस्कृतिक परंपरा भारतीय जीवन-मूल्यों के हिस्से हैं। उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि आज के बच्चे पर्यावरण को लेकर अधिक जागरूक हैं। बच्चों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसका पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। राष्ट्रपति ने सभी से अधिक से अधिक पौधे लगाने और वृक्षों की रक्षा करने का अनुरोध किया। उन्होंने ऊर्जा बचाने और बड़ों को भी इसके लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि जिस देश में ऐसे प्रतिभावान बच्चे होंगे, वह देश जरूर ही सबसे आगे होगा। उन्होंने कहा कि इन प्रतिभाशाली बच्चों से मिलने से भारत के सुनहरे भविष्य को लेकर उनका विश्वास मजबूत होता है। साल 2047 में जब देशवासी आजादी की शताब्दी समारोह मना रहे होंगे, तब ये होनहार बच्चे बड़ी जिम्मेदारी उठा रहे होंगे। उन्होंने कहा कि साल 2047 में भारत को एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आज से ही प्रयास करने होंगे।
हर साल भारत सरकार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की असाधारण उपलब्धि को ’प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी)’ प्रदान करके सम्मानित करती है। इन बच्चों को 6 श्रेणियों में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। ये हैं – कला व संस्कृति, वीरता, नवाचार, स्कूली, सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त खेल। हर एक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाणपत्र और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.


Get
Your
Book
Published
C
O
N
T
A
C
T