विज्ञान से जुड़ी अनोखी बातें

भौतिक विज्ञान
वजन :
Sir Isaac Newton उन कुछेक लोगों में हैं, जिन्होंने पृथ्वी को देखने का नजरिया ही काफी बदल दिया। जब इन्होंने 1687 को गुरुत्वाकर्षण की खोज की, तो दुनिया भर में हैरानी की लहर फैल गयी। गुरुत्वाकर्षण शक्ति की विविधता के चलते यदि किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर वजन 90 kg है तो चांद पर उसका वजन बढ़कर 106.5 kg और मंगल पर घटकर 34.473 kg हो जाएगा।
बिजली :
मनुष्य के लिए समंदर भी अंतरिक्ष की तरह काफी अंजान है। समंदर में Electric Eels नामक एक मछली रहती है जो 500 वोल्ट तक बिजली पैदा कर सकती है। ये दक्षिण अमेरिका की मीठे पानी की मछलियां हैं, जो अपनी कमजोर दृष्टि का उपयोग नेविगेट करने व शिकार खोजने के लिए करती हैं।
प्रकाश :
एक सेकंड में प्रकाश की गति 29,97,92,458 m/s है। यानी अबतक मानव द्वारा बनाई गयी रॉकेट से तेजी में हजारों गुना ज्यादा। दुनिया में सबसे तेज चलने वाली चीज प्रकाश ही है।
पानी :
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पानी भी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विपरीत काम कर सकता है। भौतिक विज्ञान में Capillary Action की तहत यह बात सिद्ध हो चुकी है कि पानी भी नीचे से ऊपर की ओर बह सकता है।
गुरुत्वाकर्षण :
यह गौर करने वाली बात है कि पृथ्वी के पास गुरुत्वाकर्षण बल कैसे आया ? दरअसल सूर्य का जो आवेशित कण होता है, यह solar wind के माध्यम से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है। इसी कारण पृथ्वी के पास गुरुत्वाकर्षण बल होता है।
रसायन विज्ञान
बर्फ :
सभी जानते हैं कि जल यानी पानी ही जीवन है। पानी के बिना कोई भी जीव बहुत देर तक जीवित नहीं रह सकता। पानी प्रकृति के लिए भी बहुत अहम है। जलचक्र से हमारा संसार चलता है। गौर करने वाली बात है कि एक तरफ दुनिया की हरेक धातु/पदार्थ ठंड के समय सिकुड़कर आकार छोटी कर लेता है, वहीं बर्फ या कह लें पानी ही एक ऐसा पदार्थ है जो ठंड के समय फैलकर अपना आकार बढ़ा लेता है।
कांच :
कांच को देखकर आपको लगता होगा कि यह कठोर अवस्था में है ! लेकिन यह गलत है। दरअसल कांच एक तरल पदार्थ है। बात सिर्फ इतनी है कि यह पानी की तरह जल्दी से न बहकर बहुत धीरे-धीरे अपने अंदर ही बहता रहता है। चौंक गए ना !
हाइड्रोजन :
हम सभी का शरीर मुख्य रूप से तीन मौलिक परमाणु – कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सिजन से बना होता है। इसमें हाइड्रोजन सबसे प्रमुख है। हमारे अंतरिक्ष का 73 फिसदी हिस्सा हाइड्रोजन से बना होता है और हाइड्रोजन का विलय नहीं हो सकता। जब हमारा ब्रह्मांड बना, तब हमारे शरीर के अंदर मौजूद हाइड्रोजन के परमाणु भी बने। इसलिए तब से आजतक यह हमारे शरीर में ट्रांसफर होते हुए मौजूद है।
ऑक्सीजन :
हमारे शरीर को हर पल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। यही ऑक्सीजन हमारे अंदर हो रहे metabolic process को नियंत्रित करने में शरीर की मदद करता है। श्वसन के माध्यम से हम ऑक्सीजन से ऊर्जा का उत्पाद करते हैं। हम हर सेकंड में ऑक्सीजन को ले रहे हैं, पर क्या आपको इसके रंग के बारे में पता है ! ऑक्सीजन का रंग वास्तव में नीला होता है।
वनस्पति विज्ञान
पौधे गाना गा सकते हैं !
गूगल ने तकनीक के माध्यम से पौधों से बातचीत करने का एक माध्यम निकाल लिया है। वहीं 1975 से इटली के वैज्ञानिक पौधों पर शोध कर रहे हैं। पौधों के सीखने, समझने और संपर्क साधने की क्षमता पर वे शोध कर रहे हैं।
मनुष्य द्वारा मचाया गया शोर पौधों को पसंद नहीं !
क्या आपको पता है कि पौधे भी हमारी तरह शोर में रहना पसंद नहीं करते। शोध से यह प्रमाणित हुआ है कि कुछ पौधे इंसानों द्वारा मचाये गये शोर के चलते अपने परागण की क्रिया को स्थगित कर देते हैं। पौधों को भी शान्ति चाहिए।
मनुष्य की तरह काबिलियत रखते हैं पौधे !
वनस्पति विशेषज्ञ Daniel Chamovitz का कहना है कि पौधे मनुष्य की तरह देख, सूंघ और महसूस कर सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है Touch Me Not नामक पौधा। स्पर्श को महसूस करने की क्षमता मनुष्य की तरह इस पौधे के पास भी होती है।
पौधों को तेजी से बढ़ाने के लिए उनसे बात करें
शोध से पता चला है कि पौधों से बात करने से पौधों के seed germination पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। BMC Ecology द्वारा छपी पत्रिका में इस बात की पुष्टि भी हुई है। इसके अलावा वनस्पति विशेषज्ञ Monica Gagliano ने अपने घर में खुद की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति में दो अलग-अलग मिर्च के पौधे लगाये थे। उपस्थिति में लगाये गये पौधे से वह नियमित रूप से बात करती थी। लेकिन अनुपस्थिति में लगाये पौधे से कोई भी बात नहीं करता था। कुछ समय बाद उन्होंने दोनों पौधों के बढ़ने की गति की तुलना की। निष्कर्ष चौकाने वाला था। वह जिस पौधे से बात करती थी, उसके बढ़ने की गति दूसरे पौधे से काफी ज्यादा थी।




