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Fanibhushan N.K. ‘Dipt’ / फणीभूषण एन.के. ‘दीप्त’


पेशा – सरकारी नौकरी व रुचि – कविता लेखन
पता : काजीचक, बाढ़, पटना

माता स्व. कोशिल्या देवी एवं पिता स्व. रामचंद्र प्रसाद के पुत्र फणीभूषण का जन्म उत्तरवाहिनी मां गंगे के तट पर बसा एक छोटे से शहर बाढ़ में हुआ। यहीं ये बड़ा हुए और सौभाग्य रहा कि यहीं अब इनका कार्यक्षेत्र भी है।
काजीचक, बाढ़, पटना निवासी फणीभूषण एन.के. ‘दीप्त’ किसी परिचय के मोहताज नहीं। सरकारी नौकरी में होने के बावजूद इनका शेष समय या तो परिवार के बीच गुजरता है या फिर काव्य रचना में। सच कहूं तो ये कविता को पहले जीते हैं, फिर लिखते हैं। किसी चीज में इतना डूब जाना कि दो में से किसी एक को अलग कर पाना असंभव हो, वही हैं फणीभूषण !
संभावना सुरभि, संझाबाती, दैनिक हिन्दुस्तान, प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, सन्मार्ग आदि पत्र-पत्रिकाओं में इनकी सैकड़ों कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा ‘नये पल्लव’ साझा संग्रह में इनकी कई कविताएं प्रकाशित हुई हैं।
इनका दोहा ‘‘करुण कथा सुन जानकी, रोने लगी अधीर। व्यथा राम की है वही, जैसी उनकी पीर।।’’ को दोहा रचनाकार मंच द्वारा दोहा रत्न सम्मान मिल चुका है। ‘बेटी’ इनका प्रथम कविता संग्रह है।

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