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Dr. Rangnath Mishra ‘Satya’ / डॉ. रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’

खिल भारतीय अगीत परिषद की स्थापना (1966 में)
गद्य क्षेत्र में संतुलित कहानी विधा (1975) तथा हिन्दी समीक्षा के क्षेत्र में संघात्मक समीक्षा पद्धति (1998) को आरंभ किया।
अगीतायन, ई 3885, राजाजीपुरम, लखनऊ-17

उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के कर कमलों द्वारा (हिन्दी दिवस) 14 सितंबर, 2015 को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा प्राप्त साहित्य भूषण सम्मान 2014 से सम्मानित, राहुल सांकृत्यायन स्मृति मंच उत्तर प्रदेश की ओर से महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश श्री मोतीलाल बोरा द्वारा राहुल के व्यक्तित्व कृतित्व साहित्य एवं दर्शन के प्रचार-प्रसार हेतु 9 अप्रैल, 1996 को तथा सफरनामा, हिन्दी पाक्षिक, लखनऊ की ओर से महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश श्री सूरजभान द्वारा हिन्दी और हिन्दी साहित्य की सेवा हेतु 16 सितंबर, 1998 को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सरस्वती सम्मान से सम्मानित।
सेवा कार्य: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम, कैसरबाग बस स्टेशन, लखनऊ से 29 फरवरी, 2000 को केंद्र प्रभारी पद से सेवानिवृत्त। इसके पूर्व एक वर्ष राष्ट्रधर्म प्रकाशन, लखनऊ तथा एक वर्ष सरस्वती जयंती विद्यालय, हैदरगढ़, जनपद बाराबंकी में अध्यापन कार्य।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), पी.एच.डी. (लखनऊ विश्वविद्यालय), डि.लिट. (मानद)
साहित्य सेवा : छात्र जीवन से कई संस्थाओं के अध्यक्ष व मंत्री के रूप में कार्य किया। सन् 1966 में – अखिल भारतीय अगीत परिषद की स्थापना की। सन् 1966 से हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अगीत विधा तथा सन् 1975 से गद्य क्षेत्र में संतुलित कहानी विधा तथा सन् 1998 में हिन्दी समीक्षा के क्षेत्र में संघात्मक समीक्षा पद्धति को आरंभ किया।
आपके द्वारा चलाई गई अगीत विधा पर कई विश्वविद्यालयों की स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्रश्न पूछे गए हैं। अगीत त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका का सन् 1967 से अवैतनिक संपादन करना प्रारंभ किया। अखिल भारतीय अगीत परिषद् के प्रतिनिधि के रूप में प्रथम तथा तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन, नागपुर व दिल्ली में सम्मिलित हुए। साहित्य मंडल, लखनऊ तथा तरुण साहित्यकार सम्मेलन, लखनऊ के महामंत्री पद पर कई वर्षाें तक कार्य करते रहे तथा कवि कोविंद क्लब के संयोजक भी रहे। राष्ट्रभाषा हिन्दी तथा कई प्रांतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए समय-समय पर गोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन भी आपके द्वारा किया गया।
पुरस्कार एवं सम्मान : अखिल भारतीय हिन्दी उर्दू संगम, लखनऊ द्वारा श्रीमती इंदिरा गाँधी अवार्ड, युवा रचनाकार मंच, लखनऊ द्वारा प्रोफेसर वासुदेव सिंह पदक तथा बृज विभूति यशः शेष पंडित भोजराज चतुर्वेदी ‘मानव’ के दसवें स्मृति समारोह के अवसर पर गुंजन साहित्यिक संस्था, शिकोहाबाद (उत्तर) प्रदेश) द्वारा 6 नवम्बर, 1995 को सारस्वत सम्मान से सम्मानित हुए।
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सांस्कृतिक विकास संस्थान, जबलपुर (मध्य प्रदेश), सफरनामा हिन्दी पाक्षिक द्वारा हिन्दी दिवस पर सरस्वती सम्मान, कवि कुल मंच बछरावां, रायबरेली, त्रिवेणी साहित्य परिषद, लखनऊ, मानस संगम कानपुर, अंतर्राष्ट्रीय भाषा तथा संस्कृति फाउंडेशन, सागर (मध्य प्रदेश) आदि साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सारस्वत सम्मान से सम्मानित हुए।
9 अप्रैल, 2002 को राहुल स्मृति संस्थान, लखनऊ द्वारा राहुल सम्मान से गौतम बुद्ध की प्रतिमा, शॉल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय प्रगतिशील साहित्यकार मंच, लखनऊ द्वारा 31 मार्च, 2002 को हिन्दी और हिन्दी साहित्य के संवर्धन के लिए प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय त्योहार होली के पावन पर्व 2002 पर राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के सभागार में बार एसोसिएशन, तहसील सदर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
आपके द्वारा स्थापित साहित्यिक संस्था ‘अगीत परिषद एक अनुशीलन’ विषय पर भी लखनऊ विश्वविद्यालय से श्री लाल बहादुर सिंह वर्मा द्वारा लघु शोध प्रबंध 1998 में डॉ. पवन अग्रवाल के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया।

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