माँ के गुण
हर्षद अशोड़िया
माँ, तूने सिखाया हर इक पाठ,
तेरी ममता में है जीवन का प्रात।
तेरी गोद में स्वर्ग का वास,
तू सजीव है, तू मेरा आस।
जब गिरा मैं राहों में कहीं,
तेरे हाथों ने दिया सहारा यहीं।
तेरी ममता ने दर्द को छुपाया,
तूने आँसू बन मोती सजाया।
तूने दी शिक्षा, तूने दी सीख,
तेरी बातें लगें जैसे हों गीत।
हर कठिनाई में ढूंढी तूने राह,
तेरी दुआओं में बसी सदा मेरी चाह।
तेरे प्यार की छाँव में हर पल,
मन को मिलती है शांति की हलचल।
तेरी आवाज़ में जादू है ऐसा,
दुनिया की हर बुराई लगती है धुंधली।
तूने दिया स्वाभिमान का उपहार,
सिखाया सच बोलने का संसार।
तेरी आँखों में बसता है सपना,
कि मैं उड़ूँ ऊँचाइयों का अपना।
तेरी हँसी में बसी है खुशियों की किरण,
तेरे आँचल में छुपी है हर मुरझाई धड़कन।
तेरे बलिदान के बिना कुछ भी नहीं,
तू है धरती की देवी, जग में कहीं।
तेरा दिल समंदर जैसा विशाल,
तेरे बिना यह जीवन है बस एक सवाल।
माँ, तेरे गुणों की सीमा नहीं कोई,
तू है वो गीत, जो खत्म कभी न हो।
तेरी ममता में दुनिया का सार,
तूने संभाला हर बिखरता संसार।
तू मेरी पहली गुरु, पहली मित्र,
तेरे चरणों में बसी है मेरे जीवन की यात्रा।
माँ, तेरी ममता को शब्दों में बाँधना कठिन,
तेरा प्यार अमर, तेरी करुणा अनमोल रत्न।
तेरी छाँव में जीवन हुआ सम्पूर्ण,
माँ, तू है मेरा आधार, तू है मेरा मूल।
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