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सबसे बड़ा विषधर

RESULT : कविता प्रतियोगिता 2020
सांत्वना पुरस्कार

अजीत कुमार

सबसे बड़ा विषधर एक विषहीन है।

1) विषहीन विषधर का विष लाइलाज है,
विषयुक्त विषधर के विष का हर इलाज है।
विषधर जो काट ले तो आदमी मरता नहीं,
आदमी जो काट ले तो आदमी बचता नहीं।
भाव के बिना जगत में, सारे भावहीन हैं
सबसे बड़ा विषधर …

2) कर्म के प्रभाव से जो भी फल उगा रहे,
अपने फल को आप खाके सभी बौरा रहे।
असत्य के पीछे काफिलों का काफिला बनता गया,
सत्य के पीछे इक्का-दुक्का साथ में चलता गया।
सत्य के बिना जगत में सारे सत्य विहीन हैं,
सबसे बड़ा विषधर …

3) गलती से गलती हुई और गलत ही सीखता गया,
अपनी ही बर्बादी की खुद दास्तां लिखता गया।
गलत तो है गलत मगर गलत जो ना सुधार है,
आज अगर जीत गये कल हमारी हार है।
जीवन का अर्थ यहां बिना जीत अर्थहीन है।
सबसे बड़ा विषधर …

4) मनुष्य आज मनुष्यता का मार्ग भूलता गया,
अपना मार्ग छोड़ दूसरों पे दौड़ता गया।
विवेकशील होने का वो फर्ज भूलता गया,
क्या चुकाने आये थे वो कर्ज भूलता गया।
मार्ग से परे गति वो गति गतिहीन है,
सबसे बड़ा विषधर …

पता : ग्राम-करमा, पोस्ट-गुरारू, जिला-गया, (बिहार)
ई-मेल : [email protected]

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