Naye Pallav

Publisher

बसंती हवा

कविता

प्रो. (डॉ.) सुधा सिन्हा

बसंती-सी हवा जो है, दिलों को मोह लेती है
निगाहें जब भटक जातीं
किसी की याद आती है।

यहां गेंदा खिला जाता, महक जाती ये जूही भी
कि खुशबू से फ़िजा चहके
लहर झकझोर देती है।

गजब की चांदनी छिटकी, फ़िजाओं में कशिश दिखती
बनी है मोरनी-सी वह
तेरे ही संग नचती है।

वहां देखा पपीहे की, सुनहरी-सी अदा प्यारी
कि मस्ती से धरा झूमे
बहारें भी मचलती हैं।

सुधा कहती जरा देखो, ये कैसे सज रही धरती
अजब-सी है खुमारी भी
बसंती राग बजती है।

मेरी पतंग


उड़ी उड़ी रे पतंग मेरी उड़ी रे,
चली बादलों को देके गलबही रे।

क्षितिज के पार यह उड़ती जाये,
चारों तरफ यह मस्ती बिखेरे,
मनचलों के हाथ न लगती जाये,
हुस्नवालों के नखरे निराले।

वाह काटा, वाह काटा… काटा,
गिर गयी यह तो निगोड़ी रे।

दुश्मनों को संदेश पहुंचाये,
देखो कैसे पूंछ हिलाये,
हाय हाय मैं तो मरती जाऊं,
दिल मेरा उसके संग डोले।

पेचों में अब यह उलझ गयी रे,
गिरी राजनीति की गली रे।

विवेकानन्द जी को नमन


आसमान से टपका एक सितारा,
विवेकानन्द-सा था प्यारा दुलारा।
लोगों को आध्यात्म का पाठ पढ़ाया,
सोये हुए लोगों को जगाया।
चलते चलो, आगे चलते चलो,
मंजिल जबतक ना मिले, बढ़ते चलो।
युवाशक्ति का वह था प्रतीक,
बनके रहा था बड़ा निर्भीक।
शिकागो में दिया था अद्भुत संभाषण,
हिला दिया था वहां का सिंहासन।
एकसूत्र में सबको बांधा,
भाई-बहन कहके मिलाया था कान्धा।
सनातन धर्म का रूप निखारा,
चमका दिया भारत माता को सारा।
युग-युग तक उसकी तो शान रहेगी,
उसी से भारत माता की मान बढ़ेगी।

गुजरा पल


गुजरा हुआ पल सिमटने लगा है,
दिसम्बर के चादर से लिपटने लगा है।
आसमां में जाकर बसेरा करेगा,
यादों के कफन में खर्राटें भरेगा।
वह सुन्दर भोर जब वीणा बजती थी,
वह नशीली रात जब चांद तकती थी।
वह इमली का पेड़, वह आम का बगीचा,
तेरे मेरे लुका छिपी खेलने के तरीका।
कब सुबह होती, कब शाम ढलती थी,
सखिया संग मेले मेें नाचती-गाती।
सावन के झूले मेें मैं झूलती थी।
समय का रथ आगे बढ़ता दिखता है,
बेदर्दी निठुर बन सरकते दिखता है।
सारी यादें धुंधली पड़ने लगी हैं,
नववर्ष के चादर से ढकने लगी हैं।
समुद्र की लहरें जीवन मेें उठती रहतीं,
उम्र की चादर भी धीरे से बदलती।
जिन्दगी का कारवां गुजरते जा रहा है,
वक्त बादल बनके उड़ता जा रहा है।

पता : बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001 बिहार

Leave a Reply

Your email address will not be published.


Get
Your
Book
Published
C
O
N
T
A
C
T