Naye Pallav

Publisher

नये पल्लव अब बच्चों के साथ भी

बच्चों की एक बाल सुलभ विशेषता होती है कि उन्हें कहानी पढ़ने और सुनने में बहुत आनंद आता है। बचपन में … जब अधिकांश संयुक्त परिवार हुआ करता था, नानी-दादी के मुख से खेल-खेल में ही अनेकों मनोरंजक एवं प्रेरक कहानियाँ बच्चों को सुनने को मिल जाती थी। लेकिन आज वो बात नहीं रही। इस वैश्विक युग के प्रभाव से परिवार भी अछूता नहीं है। अब अधिकांश परिवार एकल परिवार के रूप में परिवर्तित हो गया है। इतना ही नहीं, अधिकांश माता-पिता नौकरीशुदा होते हैं। दोनों जब काम करने घर से बाहर चले जाते हैं, तब बच्चे बिल्कुल अकेले हो जाते हैं। इस अकेलेपन को दूर करने के लिए मोबाइल या अन्य साधनों का सहारा लेते हैं, जिससे कभी-कभी गलत राह पर भी चले जाते हैं। ऐसे में यदि बच्चों के हाथ में ‘नये पल्लव 9’ होता है तो बच्चों को अत्यंत आनंद की प्राप्ति होती है। इस किताब में कविता, कहानी, पहेली, पर्यटन आदि सभी से मनोरंजन तो होता ही है, साथ ही साथ ज्ञान का भी अर्जन होता है। यह पुस्तक प्रकाश का ऐसा स्रोत है, जो अज्ञान रूपी अंधेरा को दूर करने में समर्थ है।
नये पल्लव के साथ ही बाल पत्रिका ‘घरौंदा’ का निकाला जाना एक अनोखा प्रयोग है। इससे भी बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मुझे विश्वास है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में यह पुस्तक बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। मैं प्रबंध संपादक राजीव मणि जी एवं शशि शेखर जी को धन्यवाद देती हूँ और आशा करती हूँ कि आगे भी इस तरह की पुस्तकों का संपादन करते रहेंगे।

समीक्षक : डॉ. ममता झा

Leave a Reply

Your email address will not be published.


Get
Your
Book
Published
C
O
N
T
A
C
T