Naye Pallav

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खींची गई है लक्ष्मण रेखा

काजल साह

खींची गई है लक्ष्मण रेखा,
मेरे सपनों को मार कर।
छा गया है अंधेरा,
मेरे दुखों को देखकर।
ना निकल पाऊंगी मैं
कभी लक्ष्मण रेखा से ?
दर्द को घुट-घुट कर पी जाऊंगी,
इस चारदीवारी में …
किसी ने नहीं समझा, मेरी बातों को
और बंद कर दिया मुझे
चारदीवारी में।
चाह पढ़ने की थी पर,
ना कर पाई अपनी चाहत को पूरा।
इच्छा जाहिर की तो
बंद कर दिया मुझे चारदीवारी में।
घुट-घुट के रो रही है जिंदगी मेरी,
अपने मां-बाप की सोच को देखकर,
खींची गई है लक्ष्मण रेखा,
मेरे सपनों को मार कर।

School : khanna high school for girls, Kolkata / Class : 9

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