किसान की आत्महत्या
RESULT : कविता प्रतियोगिता 2020
तृतीय
एक किसान ने की आत्महत्या,
नेताओं की बाँछे खिल उठी,
मालूम करो किस दल का था वो,
ना हो किसी दल का तो, बना दो विपक्ष का
जल्दी-जल्दी सब चल पड़े उसके घर,
संवेदनाविहीन सांत्वना लेकर,
हमसे पहले कोई और ना पहुंच जाए,
मुआवजा लेकर
संसद हो या सड़क,
हर तरफ शोरगुल
मर गया किसान,
इस दल की वजह से,
उस दल की वजह से,
किसी में संवेदना नहीं,
किसी ने सोचा नहीं,
सियासी जंग में एक किसान नहीं मरा,
पूरा परिवार मरा है
डूब गया है उसके बच्चों का भविष्य,
बुझ गया है एक घर का चिराग,
कुछ नेताओं के राजनीतिक खेल का,
भुगतान करेगा
जिन्दगी भर एक मासूम परिवार।
पता : रामानन्द कुंज, मकान न.-47, लक्ष्मी विहार, बाबा धाम मंदिर के पास, भीलवाड़ा-311001 राजस्थान
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