जल संरक्षण
सुधा पाण्डेय
जल ही जीवन है
जल को संचित करें
लोगों को भी जागृत करें
क्या पता ? कल जल
के अभाव में जीवन मेरा
रह जाये अधूरा
मानव नासूर हो रहा
प्रकृति को छेड़ रहा
जमीन से जलस्तर घटा
जीवन हो अधूरा सा
जल संरक्षण करें कैसे ?
छोटी छोटी बातों पर दें ध्यान
कपड़ा धो पौधा में डालें जल
दाढ़ी बनाना नल करें बंद
जरूरत पर नल खोलें
तब काम करें हम सारा
नदियों में जलस्तर धरातल
बचा लो जीवन जल संचित कर
खाना बिन जीवन चलता
जल बिन मन तड़पता
प्राकृतिक विपदाओं का प्रकोप
पर्यावरण से हो रहा खिलवाड़
नागरिकों में लाना जागरुकता
शावर बंद बाल्टी उपयोग
बर्तन धोए टब में
छोटे तालाबों में जल संचय
बरसात का जल संचित करें
वृक्ष लगाएं जीवन बचाएं
नदियों में स्वच्छता लाएं
स्कूल कॉलेजों में करें प्रचार
रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सहारा
पूरे विश्व में हाहाकार मचा
जल संरक्षण चेतना की जरूरत।
तुलसीदास
बांदा जिला, रामपुर गांव
सरयूपारीण ब्राह्मण घर में
पिता आत्माराम, माता हुलसी
अचंभित जन्म राम शब्द में
बत्तीस दांतों से मौजूद
अल्पायु में मातृविहीन
दासी से पालन पोषण
दासी गयी, हुए अनाथ
गुरुवाणी सुन कंठस्थ किया
सुंदरी रत्ना से पाणिग्रहण
मायके गयी रत्ना, पीछे तुलसी
पत्नी ने धिक्कारा
हाड़ मांस से करते प्यार
ईश्वर भक्ति में मन रमाया
प्रयाग राम भक्त में हुए लीन
हनुमान ने राम से मिलाया
ग्रंथ रच प्रकांड बने
अवधि में रचा मानस
दो वर्ष सात महीने छब्बीस दिन
सात कांडों को किया परिपूर्ण।