Naye Pallav

Publisher

क्या करेगी चांदनी

व्यंग्य कविता


हुल्लड़ मुरादाबादी

हुल्लड़ मुरादाबादी (1942 – 2014) हिंदी जगत के एक हास्य कवि थे। कलाश्री, अट्टहास सम्मान, हास्य रत्न सम्मान, काका हाथरसी पुरस्कार जैसे पुरस्कार से सम्मानित।

चांद औरों पर मरेगा, क्या करेगी चांदनी
प्यार में पंगा करेगा, क्या करेगी चांदनी

चांद से हैं खूबसूरत, भूख में दो रोटियां
कोई बच्चा जब मरेगा, क्या करेगी चांदनी

डिग्रियां हैं बैग में, पर जेब में पैसे नहीं
नौजवां फांके करेगा, क्या करेगी चांदनी

जो बचा था खून वो तो, सब सियासत पी गई
खुदकुशी खटमल करेगा, क्या करेगी चांदनी

दे रहे चालीस चैनल, नंगई आकाश में
चांद इसमें क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी

सांड है पंचायती, ये मत कहो नेता इसे
देश को पूरा चरेगा, क्या करेगी चांदनी

एक बुलबुल कर रही है, आशिकी सय्याद से
शर्म से माली मरेगा, क्या करेगी चांदनी

लाख तुम फसलें उगा लो, एकता की देश में
इसको जब नेता चरेगा, क्या करेगी चांदनी

ईश्वर ने सब दिया पर, आज का ये आदमी
शुक्रिया तक ना करेगा, क्या करेगी चांदनी

गौर से देखा तो पाया, प्रेमिका के मूंछ थी
अब ये ‘हुल्लड़’ क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.


Get
Your
Book
Published
C
O
N
T
A
C
T