गुरुदेवा
अन्याय के खिलाफ भूख हड़ताल
बाद में कराते जांच-पड़ताल।
चोरी से खाते मेवा
जय बोलो हमारे गुरुदेवा।।
लड़कियों को करते हैं टिच्
और सेक्ष पर देते स्पिच।
आंख मारे हो जानलेवा
जय बोलो हमारे गुरुदेवा।।
कमर मटक्का खेल खिलवाते,
ट्यूषन में फिल्मी गीत लिखवाते।
आधा समय पढ़ाते, फिर करवाते सेवा
जय बोलो हमारे गुरुदेवा।।
जल से पतली कमर है
और पेट भूमि से भारी
आंख तीर से तेज है
और रंग काजल से काली।
फिर भी पड़े पीछे, करते जनसेवा
जय बोलो हो गुरुदेवा।।
मंदिर रोता है तब
जब धर्म की जंजीर में
पत्थर कैद हो
दिवाना
दिवार खड़ा कर दे
पानी आग मांगे
और तलवार
खून
मौसम देखकर
वृक्ष न हंसे
नदियां गाने लगे
षोक-गीत
तब
म्ंदिर रोता है
खेतों में, खलिहानों में।