मुझे जीने दो

मुझे जीने दो
यह कहकर मत डराओ कि मैं बेटी हूं
मुझे जीने दो
दो पल की जिंदगी है
मुझे खुशी से जीने दो
अभी मां की कोख में हूं
मत मारो मुझे, मुझे जीने दो
मुझे कदम से कदम मिलाने दो
समाज में अपनी पहचान बनाने दो
मुझे जीने दो
मां अपने पेट में नौ महीने रखा है
अब मुझे संसार देखने दो
मत छुपाओ मुझे संसार से
मुझे अपनी पहचान बनाने दो
मुझे जीने दो।
मुझे इंसाफ चाहिए
रो रही हूं मैं
खुद की जिंदगी पर
दर्द सह रही हूं
खुद की जिंदगी का
फाड़ डाला है मेरा वस्त्र
उन दरिदों ने
अपने शौक पूरा करने के लिए
मां ने पाला था मुझे
बड़े प्यार से
पिता ने किया था मेरी
सारी इच्छाओं को पूरा
डर सा लग रहा है अब
मुझे गिरकर फिर से उठने में
फिर भी मैं उठूंगी
दरिदों को सजा दूंगी
मैं इंसाफ लूंगी
हर बेटी को सीख दूंगी
ना डरना है तुझे किसी से
खड़ा होना है अपने पैरों पर
मुझे इंसाफ मिलेगा तो
तुझे भी अपने हक के लिए लड़ना होगा।
School : khanna high school for girls, Kolkata / Class : 9