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Prof. Dr. Bipin Bihari Swaroopa / प्रोफेसर डॉ. विपिन बिहारी स्वरूप

विश्वविद्यालय प्राचार्य (अवकाश प्राप्त)
बी-1, कुमुद इन्क्लेव, कृष्णा निकेतन के पास, चकारम मोड़, पटना – 800001 (बिहार)

प्रोफेसर डॉ. विपिन बिहारी स्वरूप विश्वविद्यालय प्राचार्य – रसायन शास्त्र (अवकाश प्राप्त) हैं। रसायन शास्त्र के प्रोफेसर होते हुए भी आपकी गहरी रुचि अध्यात्म में रही है। यही वजह है कि पिछले 40 वर्षों में आपने अध्यात्म-सागर से मंथन कर जो अमृत-तत्त्व प्राप्त किया, वह अब पुस्तक के रूप में आप सबके बीच आ सका। ‘आत्मज्ञान’और ‘ईश्वर दर्शन कैसे’ के बाद ‘मृत्यु, परलोक और पुनर्जन्म’, ‘Meditation, Kundalini Awakening’ और अब ‘मृत्यु का महासत्य’ आपकी पांचवीं पुस्तक है।
प्रोफेसर डॉ. विपिन बिहारी स्वरूप ने 1980 में पटना विश्वविद्यालय के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रोफेसर डॉ. जे. एन. चटर्जी के निर्देशन में रसायन शास्त्र में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। आपके शोध कार्य भारत के अलावा जर्मनी एवं अमेरिका के शीर्ष जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। कुछ शोधों को एम.एससी. के पाठ्यक्रम में यू.जी.सी. दिल्ली द्वारा शामिल किया जा चुका है। आपके द्वारा बनाये रसायन के एक कम्पाउन्ड को मेडिसिन (सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम) में उपयोगी पाया गया है। आपके कई प्रयोगों से समाज लाभान्वित हुआ है। रसायन शास्त्र से अलग अध्यात्म के क्षेत्र में भी इनको सम्पूर्ण भगवद्गीता एवं दिव्य सहस्त्रनाम कंठस्थ है और प्रत्येक दिन ब्रह्ममुहूर्त में ये इसका पाठ करते हैं। अध्यात्म की दुनिया में इनकी पांच पुस्तकें एक मिल का पत्थर साबित होगी, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है। साथ ही एक स्वच्छ समाज के निर्माण में भी ये आपकी सहायता कर सकती है।

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