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जय जय राम

शिमला पाण्डेय

विमल राग से करे आरती, मिलकर शंख बजायें।
राम राज्य की अगवानी पर, सत्संकल्प जगायें।।

श्री राममय पावन धरती में खुशियां छायी है।
राम लला की अगवानी को, दुनिया आयी है।।
जन्म भूमि में खुशहाली का अवसर आया है।
सजी अयोध्या धाम, मनोरम दृश्य लुभाया है।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

कार-सेवकों का बलिदान ही रंग ले आया है।
हुये सैकड़ों अमर जिन्होंने समय लगाया है।।
त्याग-तपस्या का सुन्दर पल, धन्य हुयी वह शाम।
धन्य हुआ वह धाम, विराजें राम लला सुख धाम।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

हमारे जीवन के आदर्श प्रभु श्री राम हैं।
अन्तःस्थल के प्राण प्रभु श्री राम हैं।।
जीने का आधार प्रभु श्री राम हैं।
सत्य-न्याय की धर्म-ध्वजा श्री राम हैं।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

इनकी पावन भूमि अयोध्या धाम है।
जहां अवतरित हुये प्रभु श्री राम हैं।।
जगत पिता जगदीश्वर, कृपा निधान हैं।
निर्बल के तो बल ही, प्रभु श्री राम हैं।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

मानव का ले जन्म धरा पर आये हैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये हैं।।
अन्धकार के भ्रम को दूर भगाने को।
अहंकार के बीज को जड़ से मिटाने को।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

राम राज्य को स्थापित करवाने को,
भारत माता के गौरव का मान बढ़ाने को।
भारत मां के ताज प्रभु श्री राम हैं।
जीवन के सुख धाम प्रभु श्री राम हैं।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

आओ हम सब मिलकर दीपावली मनायें।
धन्य हुआ यह जीवन, सुख सौभाग्य जगायें।।
जन-जन के आराध्य प्रभु श्री राम हैं।
भव सागर से पार करें श्री राम हैं।
रघुवर दीनदयाल प्रभु श्री राम हैं।।
हे राम सीता राम जय जय राम…

समय की गति

समय तू चलता चला आया,
तेरी गति कोई जान न पावे,
कभी न पीछे आया।
समय तू चलता चला आया।।

पल बीते और घड़ियां बीतीं,
बीते दिवस हजारों।
बीते दिन कबहू ना आये,
कुछ भी समझ न आया।
समय तू चलता चला आया।।

बचपन बीता, हुये सयाने,
बीती आधी उमरिया।
कितने दशक बीत गये कैसे,
यह भी समझ न आया।
समय तू चलता चला आया।।

अपने जीवन की घड़ियों को,
कभी नहीं गिन पाये।
हंसकर बीती, रोकर बीती,
नहीं समझ में आया।
समय तू चलता चला आया।।

कर्तव्यों की चिंता में तो,
अधिकारों की चाह नहीं।
रिश्तों पर बस रहे समर्पित,
यही समझ में आया।
समय तू चलता चला आया।।

जीवन के इस मोड़ पे मैंने,
अब तुमको पहचाना।
नहीं गंवाना एक पल तुमको,
मन को यही समझाया।
समय तू चलता चला आया।।

तेरा चक्र कभी न रुकता,
आगे बढ़ता जाता।
जिसने तुमको नहीं है समझा,
वही बहुत पछताया।
समय तू चलता चला आया।।

कहते तो हैं लोग,
अरे यह समय बड़ा बलवान।
पल में राजा रंक बनाता,
यही है तेरी माया।
समय तू चलता चला आया।।

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